विश्व साहित्य संस्थान, क्रमांक :- 6
नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान, क्रमांक :- 6
दिनांक :- 25/06/2020 , दिवस :- वृहस्पतिवार
विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1, 2020
प्रकाशित :-
विश्व साहित्य संस्थान
https://online.fliphtml5.com/szppo/gfsn/
https://online.fliphtml5.com/szppo/gfsn/#p=5
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नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
दिनाक :- 25/06/2020
दिवस :- गरूवार
विधा :- काव्य
भाषा :- हिन्दी
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"जिन्दगी"
जिन्दगी न तो अच्छी है
और न ही बुरी..
जिन्दगी तो बस जिन्दगी है
ये आप पर निर्भर करता है
आप उसे, कैसे जीते है?
आप जिन्दगी पर
कुछ भी आरोप नहीं लगा सकते!
क्यों?
क्योकि आप जिन्दगी को जीते है;
जिन्दगी आपको नहीं...
यदि आप को लगता है कि,
जिन्दगी गलत राह पर चल रही है
तो गलत जिन्दगी नहीं;
गलत आप हो!
जरूरत इस बात की नहीं कि,
जिन्दगी बदले
यदि बदलने की जरूरत है
तो वह है आपको!
आप कोशिश कर के तो देखे
कुछ कठिन नहीं है..
हॉ बस थोड़ा समय लगेगा
कुछ समय दे कर तो देखो जिन्दगी को
परिणाम कुछ अच्छा ही होगा..
यदि आप जिन्दगी से हताश, निराश हो
जिन्दगी खत्म करना चाहते है
बस इसलिए क्योकि
ये आपके इच्छानुसार नहीं चल रही
तो ये सोच गलत है, आपकी
क्योकि, जिन्दगी तो सहीं ही है,
अगर कुछ गलत है,
तो वह आपके जीने का अंदज..
थोड़ी सी कठिनाई आ जाने पर
जीवन में यदि
आपको लगता है कि,
अब जीवित रह कर भी क्या लाभ?
तो क्या? आप में वह शक्ति है
जिससे आपको, अपना भविष्य दिखा हो!
नहीं ना फिर, कैसे?
कैसे यह निश्चय कर लिया कि,
अब जीने से अच्छा है,
मौत को गले लगाना..
थोड़ा सब्र करना सिखो
जिन्दगी प्रति क्षण परिवर्तनशील है
पता नहीं, कब कुछ अच्छा हो जाए
तो स्वयं को भविष्यवक्ता न समझे
और स्वयं अपनी जिन्दगी को
नकारात्मक भाव में सराबोर कर
इस निश्चय पर न पहुँचे की
जिन्दगी काँटो भरी राह है
जहॉ केवल दुःख-दर्द ही मिलते है
हो सकता है
कुछ दूर राह में काँटें हो
फिर मखमली फूलों की कालिन बिछी हो
जिन्दगी को अपने प्रवाह में
प्रवाहित होने दे
और यदि सम्भव हो तो,
स्वयं भी उसी प्रवाह में
धारा की भात्ति प्रवाहित हो जाए
जिन्दगी में सकारात्मक भाव बनाए रखे
यदि अभी दुःख की घटा छाई हो
तो जिन्ता न करे
आज दुःख की घटा है तो,
कल खुशियों की वर्षा भी होगी..
✍ज्योति झा
मो. :- 9330839434
बेथून कॉलेज, कोलकाता
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★अजगुत शवयात्रा ★
परहुआ कक्का चली बसला आई
सगरो गाम म् शोर भ गेल
हुनक शवयात्रा में छलु
दुनु -परानी हमहू गेल।
मुदा इ की?
सब घरवारी मुदित छैथ
किनको नै छैन
कक्का के कमिक आभाष।
गाजा -बाजा बाजी रहल अछि
धिया-पुता नाची रहल अछि।
पान-गुटका दकरैत सब शवयात्री
पहुँचल बुरिहिया गाछी।
एम्हर अचिया सजी रहल छल
उम्हर तासक चौकड़ी जमी रहल छल।
किछ गोटा ऐगो कोन में
मदिरा सेहो परैस रहल छल।
हँसी -ठिठोली सा बुरिहिया गाछी
गुइंज रहल छल चहुँओर
देखिका गिरैत मानवता के
आँखि सा बहै लागल नोर।
जानवरों सा बत्तर बनल इंसान!
देखु-देखु हे भगवान!!
✍ प्रवीण झा
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অভিবাদন 🙏 :- বিশ্ব সাহিত্য প্রতিষ্ঠান
ভাষা :- বাংলা
শিরোনাম :- করোনা
ও করোনা ও করোনা কোথায় তোমার বাড়ি?
চীনে উৎপন্ন হয় মানুষের করতে থাকো হানি।
গলা খুসখুস কাশি কাশি জ্বর আর জ্বালা।
হৃদয় তোমার ঘর হয়েছে করেই ধর্মশালা।
করোনা জন্য মানুষ গৃহবন্দী এখন।
বিশ্বজুড়ে লকডাউন হলো প্রচলন।
খাবার আগে হাত ধুতে ভুলো না কখনো।
হাত দিয়ে সকল কাজ করি তোমরা জানো
করোনা জন্য সকল মানুষ চিন্তায় আছে।
খবরে কাগজ আর টিভির পর্দায় চেয়ে বসে আছে।
বিদায় নিলে সকল বিশ্ববাসী খুশি হয়ে যাবে এখন
আনন্দে ভরে যাবে গোটা বিশ্বভুবন।
উজ্জ্বল হবে দেশ সুখের হবে অনুক্ষন।
✍️ উজ্জল পন্ডিত
शीर्षक :- कोरोना
उज्जल पण्डित , Ujjal Pandit
भाषा :- बंगाली
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नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
दिनांक :- 25/06/2020
दिवस :- गरूवार
विधा :- कविता :- 16(73)
भाषा :- हिन्दी
विषय :- विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1, 2020 प्रकाशित :-
गुरु अमिताभ, आशीष, ज्योति सह समस्त रचनाकारों, पाठकों के साथ हम रोशन का हुआ जीत ,
गुरूदेव की पूजा करते आज का दिन गये बीत ।
तब कैसे हो आप सभी, पढ़ लेना मेरे प्यारे मित्र ,
क्योंकि आज विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1, 2020 हो चुके है प्रकाशित
✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716
विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1, 2020
जय माँ सरस्वती, ऊँ श्री हनुमते नमः, श्री गणेशाय नमः
विषय सूची
क्रमांक नाम पृष्ठ संख्या
1. अमिताभ सिंह ( गुरु जी ) 4, 4(C)
2. आशीष कुमार झा 4, 4(B)
3. रोबीन कुमार झा 4 (A)
4. ज्योति झा 5
5. पूजा गुप्ता 9
6. रोशन झा 10
7. प्रवीण झा 11
8. मृत्युंजय एम झा 13
9. चुनचुन गिरि 14
10. উজ্জল পন্ডিত , 15
उज्जल पण्डित ,Ujjal Pandit 16
11. अभिषेक भूपेश झा 17
12 रोशन कुमार झा 18
प्रकाशित :- 25/06/2020 ,गुरूवार
मुख्य संचालक :- अमिताभ सिंह ( गुरु जी )
आशीष कुमार झा , ज्योति झा
सह संचालक :- सेवक - रोशन कुमार झा
पृष्ठ :- 3(A)
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नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1, 2020
जय माँ सरस्वती, ऊँ श्री हनुमते नमः, श्री गणेशाय नमः
मुख्य - संचालक :-
अमिताभ सिंह, ( गुरु जी )
आशीष कुमार झा,
ज्योति झा
सह संचालक :-
सेवक :- रोशन कुमार झा
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