विश्व साहित्य संस्थान, क्रमांक :- 6
नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान, क्रमांक :- 6 दिनांक :- 25/06/2020 , दिवस :- वृहस्पतिवार विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1, 2020 प्रकाशित :- विश्व साहित्य संस्थान https://online.fliphtml5.com/szppo/gfsn / https://online.fliphtml5.com/szppo/gfsn/#p=5 ------------------------------------------------------------------ नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान दिनाक :- 25/06/2020 दिवस :- गरूवार विधा :- काव्य भाषा :- हिन्दी ___________________________ "जिन्दगी" जिन्दगी न तो अच्छी है और न ही बुरी.. जिन्दगी तो बस जिन्दगी है ये आप पर निर्भर करता है आप उसे, कैसे जीते है? आप जिन्दगी पर कुछ भी आरोप नहीं लगा सकते! क्यों? क्योकि आप जिन्दगी को जीते है; जिन्दगी आपको नहीं... यदि आप को लगता है कि, जिन्दगी गलत राह पर चल रही है तो गलत जिन्दगी नहीं; गलत आप हो! जरूरत इस बात की नहीं कि, जिन्दगी बदले यदि बदलने की जरूरत है तो वह है आपको! आप कोशिश कर के तो देखे कुछ कठिन नहीं है.. हॉ बस थोड़ा समय लगेगा कुछ समय दे कर तो देखो जिन्दगी को परिणाम कुछ अच्छा ही हो