विश्व साहित्य संस्थान, क्रमांक :- 5

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
विश्व साहित्य संस्थान , क्रमांक :- 5
दिनांक :- 24/06/2020
दिवस :- बुधवार , की रचनाएं  :-

#############        क्रमांक :- 01

भाषा :- मैथिली

चूड़ी, कंगना आ सुन्दर गहना
ई सब स' बेढ़ क' हमरा लै
हमर सजना
हिनके स' जुड़ल अई
हमर सोलहों श्रृंगार
आ जीवन के सब
पावन-त्यौहार..

✍ ज्योति झा
बेथून कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- रूपौली, मधुबनी, बिहार


#############        क्रमांक :- 02

প্রণাম:-🙏 বিশ্ব  সাহিত্য সংস্থা
তারিখ :- 24/06/2020
বিষয় :- কবিতা
ভাষা :- বাংলা
...........................................................
           🇮🇳 ভারতীয় যোদ্ধা 🇮🇳
ওগো ভারতবাসী দেখেছো ?তোমরা যোদ্ধা।
ভারত মাকে রক্ষা করতে প্রাণ বলিদান দিতে প্রতিশ্রুতিবদ্ধ তারা
প্রতিশ্রুতি বদ্ধপরিকরে  তারা হচ্ছে বলিদান
শবদেহ জড়ানো জাতীয় পতাকার পেল সম্মান।
যারা কাশ্মীর বর্ডারে আছে তাদের সাথে যদি একদিন জীবন যাপন করো।
খেতে পাচ্ছে না  ভালো করে কিন্তু? মুখে হাসি অবিরত।
সকল খাদ্য হয়েছে পাথরের সমান কাশ্মীর বর্ডারের
চোখের জল হয়েছে বরফ ভারত মায়ের তরে।
চীনের সাথে হল যুদ্ধ হল শহীদ কুড়িজন
ওই কুড়িটি পরিবার কেঁদে চলেছে আজও অনুক্ষণ।
আর কেঁদোনা আর কেঁদোনা ওগো ভারতবাসী।
যাদের রক্তে লাল হয়েছে এই ভারত মায়ের মাটি।
তাদের আমরা প্রণাম জানাই লহ লহ শতকোটি।
মুখেতে জয় হিন্দ জয় ভারত বলে স্যালুট জানাই ভারতবাসী।

✍️উজ্জল পন্ডিত।
গ্রাম :-ছত্রশাল /হুগলি
মোবাইল নাম্বার:-8389828147
शीर्षक :- भारतीय सैनिक
उज्जल पण्डित , Ujjal Pandit
भाषा :- बंगाली


#############        क्रमांक :- 03
नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
दिनाक :- 24/06/2020
दिवस :- बुधवार
विधा :- काव्य
भाषा :- हिन्दी
_________________________
"इंतज़ार"
नज़रो को किसी के दिदार का
ज़ुबान को मिठे लफ़्ज़ों का
होठों को मखमली मुस्कुराहट का
चेहरे को खिलते हुए भावों को
कदमों को किसी के आहट का
रिश्तों को बेसब्र मुलाकातों का
दिल को रूहानी दस्तक का
बैचेनी को सुकून का
खामोशी को आवाज़ की खनक का
नाराज़गी को मनुहार का
अकेलेपन को किसे के साथ का
इश्क़ को करार का
सपनों को खुली उड़ान का
इंतज़ार ही ज़िन्दगी का श्रृंगार है
इंतजार से ही ज़िन्दगी गुलज़ार है..

✍चुनचुन गिरि
मो. :- 7838841177


#############        क्रमांक :- 04

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्था
दिनाक :- 24/06/2020
दिवस :- बुधवार
विधा :- शायरी
______________________________
वो बुलन्दिया भी किस काम की जनाब,
इंशान चढ़े और इंसानियत उत्तर जाये!

✍मृत्युंजय एम झा
मो. :- 9870305598

#############        क्रमांक :- 05

पुरनका यारी केँ,
 अपना बारी केँ,
तरकारी केँ,
सासुर म् 
छोटकी साली केँ।
मजे किछ और छै....2

नोकरी म् सरकारी केँ,
गाड़ी म् फरारी केँ,
गामक भोज म्,
तरकारी के।
मजे किछ और छै...2

समधियान म् गाली के,
राग म् दरबारी केँ,
साग म् गेनहारी केँ।
मजे किछ और छै.....2

वोट में नोटा केँ
झगड़ा में सोंटा केँ
बर्तन में लोटा केँ
सुपारी में गोटा केँ।
मजे किछ और छै...2

लेखन म् कविता केँ,
पठन म् गीता केँ
रहन-सहन म् 
मिथला के।
मजे किछ और छै...2

✍प्रवीण झा
#############        क्रमांक :- 06

 विषय :- सरकार की सच्चाई
विधा :- कविता, भाषा :- हिन्दी

कहते है स्वच्छ देश भारत को बनायेंगे ,
पर ना जाने इसमें , कितने वर्ष लग लगायेंगे ।
कितने भारतीय बेरोज़गारी का शिकार हो जायेंगे ,
और कितना धन इस पर न्यौछावर करायेंगे ।।

अमीरों के लिए जहाज का किराया कम करायेंगे ।
और ग़रीबों के वाहन का किराया और बढ़ायेंगे ।
तथा सभी भारतीय से जबरदस्ती कहलायेंगे ,
नून - रोटी खायेंगे , मोदी को ही जीतायेंगे ।।

भारतीय करेंसी का मोल और कम करायेंगे ,
परन्तु चीन से व्यापार बंद नहीं करायेंगे ।
अमीर व्यापारियों को और सहयोग दिलायेंगे ,
परन्तु ग़रीबों के समीप नहीं जायेंगे ।।

✍️   रोबीन कुमार झा
सलकिया विक्रम विद्यालय ( मेन )

#############        क्रमांक :- 07

विषय :- एहसास
विधा :- कविता , भाषा :- हिन्दी 

ये तन्हाई , ये रुसवाई ,
कहां से मुझे , कहां ले आई ।
वही तू , वही मैं ,पर अब वो जज़्बात नहीं ,
चेहरे कई पास है , पर अब कोई खास नहीं ।।
ज़िन्दगी बेरंग , बेढंग पर अब कोई आस नहीं ,
वो अंगराई, यादों की परछाई रूलाती तो है पर
अब वो एहसास नहीं ।।

✍️ आशीष कुमार झा

#############        क्रमांक :- 08

शीर्षक :- "  बेच आई दिल "

मिलना तेरा क़िस्मत में था नहीं ,
चिज ऐसी जिस पर बस मेरा था नहीं ‌।
यादों का सिलसिला कुछ यूं ही आ रहा ,
दिल की जख़्मों को बढ़ा रहा ।
लडू क्या दुनिया से जब खुद से हार गया ,
मन की चाहत को बस यूं ही मार दिया ।
लोगों का इल्ज़ाम कि इश्क मेरा कम था ,
कौन बताएं इन्हें कि बेवफा मेरा सनम था ।
कहा सनम ने तेरे चाहत का न कोई मोल था ,
बेच आई दिल वो बाज़ार में , मेरे लिए जो अनमोल था ।

✍️  अमिताभ सिंह ( गुरु जी )

#############        क्रमांक :- 09

नमन🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
दिनांक :- 24/06/2020
दिवस :- बुधवार
विधा :-  कविता
भाषा :- हिन्दी
शीर्षक :-  संपादक

चला हूं हम रोशन और चलाया हूं वह पथ ,
साहित्य सेवा करने से , ज़्यादा
साहित्य सेवा करवाने में है दिक्क़त ।
जिनके रचना प्रकाशित करो , वे करेंगे इज़्ज़त ,
कुछ गलतियों के कारण रचना न करो प्रकाशित
तो वही रचनाकार कह बैठते वह संपादक ही है ग़लत ।।

बहुत कठिन है , जो काम करते संपादक ,
कर्म करते सेठ न , बनकर सेवक  ।
बिना पूजा पाठ के ही बनाते छोटे से बड़े लेखक ,
वही बेचारा संपादक कभी मीठी-मीठी बातें
तो कभी गाली सुनता बेशक ।।

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716 कविता :-16( 72)



#############        क्रमांक :- 10

Poem :- 15(99) English
Greetings 🙏 :- World Literature Institute
Naman :- Vishb sahitya Sanstan
Title :-   it is lockdown
19 th April 2020 Sunday  21:13

-: it is lockdown !:-

Village and town ,
Worldwide lockdown .

Corona is not getting down ,
So now home to staying own .

now humankind is at danger ,
is disturbed leader and passenger .

in india Aarogya setu app
is still messenger ,
we roshan say ..
in darkness will happen lightbringer

                                       Thank you 💐🌹🙏

✍️ ®••••• Roshan Kumar Jha 🇮🇳
(Mob:-6290640716 )
19 th April 2020 Sunday  21:13

नमन :- विश्व साहित्य संस्थान
-: यह है लॉकडाउन !:-  कविता:-15(99) हिन्दी में

गांव और शहर,.
दुनिया भर है लॉकडाउंन !

कोरोना कम नहीं हो रहा है,
इसलिए अपने लिए घर पर रहें !

अभी मानव जाति खतरा में है,
जिससे नेता और यात्री परेशान हैं !

अभी भारत के आरोग्य सेतु ऐप दूत हैं,
हम रोशन कह रहे हैं अंधकार में प्रकाश होगा !

•••  रोशन कुमार झा 🇮🇳 • , রোশন কুমার ঝা,


#############        क्रमांक :- 11

কবিতা:-১৫(৯৬) বাংলা  ✍️ ••• রোশন কুমার ঝা
মোঃ:-৬২৯০৬৪০৭১৬  (6290640716)
रोशन कुमार झा 🇮🇳 Roshan Kumar Jha,
১৮-০৪-২০২০ শনিবার ১০:৪৫
অভিবাদন 🙏 :- বিশ্ব সাহিত্য প্রতিষ্ঠান
প্রণাম:-🙏 বিশ্ব  সাহিত্য সংস্থা
ভাষা :- বাংলা
শিরোনাম :-   করোনা এসেছে !:-

-:  করোনা এসেছে !:-

কী বোলবে আমি রোশন এই মুহূর্তে বিশ্বে
নভেল করোনাভাইরাস  হলো ,
তালে আপনি সবাই কিছু বলো !

এখন বাহিরে চলে না ,
ঘুরছো এখন করোনা !

যাবেন না বাইরে ,
আমার দাদা ভাই রে !

বাড়িতে থাকো ,
সুস্থ মন রাখো !
                                    ধন্যবাদ ! 💐🌹💐🌻
      ✍️••••• রোশন কুমার ঝা


18-04-2020 शनिवार 10:45 कविता:-15(96) बंगाली
( कोरोना आया है )

की बोलवो आमि रोशन ऐई मुहूर्त विश्व
नोवेल कोरोनावायरस हलो ,
ताले आपनी सोवाई कीछू बोलो !

ऐखुन बाहिरे चोलोना, 
घुरचे ऐकुन कोरोना !  

जावेन ना बाहिरे , 
आमार दादा भाई रे ! 

वाड़ी ते थाको ,  
स्वस्थ मन राखो !
                          हिन्दी अर्थ में कविता :-15(96)
क्या बोलूं हम रोशन
इस समय विश्व में कोरोनावायरस हुआ है ,
इसलिए आप लोग कुछ बोलिए !

अभी बाहर चलिए ना,
घूम रहे हैं अभी कोरोना !

जाईयें न बाहर ) रे
हमारा दादा भाई रे !

घर पर रहिए ,
स्वस्थ मन रखिए !
                             धन्यवाद !🌹💐🌹💐🇮🇳

Roshan Kumar Jha,
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय
31 St Bengal Bn Ncc Fort William, Kolkata-B
West Bengal & Sikkim
Reg no :- WB17SDA112047, Coy no :- 5
Narasinha Dutt College St John Ambulance
The Bharat Scouts & Guides
Veriang scouts and Gulmarg Guides
Bamangachi (BMG ) Group,Eastern Railway District:-Howrah
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी, राष्ट्रीय सेवा योजना
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा
Ramakrishna College Madhubani, NSS
Gmail :- Roshanjha9997@gmail.com
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
77/R mirpara road Liluah ashirbad bawan

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