विश्व साहित्य संस्थान , क्रमांक :- 10
विश्व साहित्य संस्थान , क्रमांक :- 10 विश्व साहित्य संस्थान दिनांक :- 28/10/2020 दिवस :- बुधवार ढाई आखर ! ********** कबीरा बोला , ढाई आखर प्रेम। अन्तर्मन में ।। शबरी रोई , आओ मेरे रामजी। आश्रम आज ।। भीष्म का प्रण, जान कृष्ण कन्हैया। कूदे समर ।। सुदामा - प्रेम , हरि हार दौड़े है । गले लगाए ।। प्रेम के वश , भगवान रखते। भक्त की आन ।। ००० ✍️ ----- गिरीश इन्द्र, श्री दुर्गा शक्ति पीठ, अजुवाॅ, आजमगढ़, ऊ ०प्र०-२७६१२७.दि०-२८-१०-२०२० ई ०. 19/10/2020 , सोमवार 🙏অবুঝ মা 🙏 মেঘের মেলায় সূর্য খেলায় রোদ হাসে। মেঘে মেঘে সারাবেলা মেঘ ভাসে। মেঘ বুঝি সাজলে আজ সাত রঙে। শরতের শেষ বেলায় আগমনে। ⛈️⛈️⛈️⛈️ ওই বুঝি পরল কাঠি ঢাকাতে। ধুনুচি নাচ আর আরতিতে। পথের মাঝে শিশু গড়িয়ে কাঁদে। পুজোর জামা নতুন সাজে। 😭😭😭 মা কাঁদে চোখের জলে পথ ভাসে। মা হয়ে মা শত্রু এই পুজোতে সাজের দোকানে যেন অবুঝ হয়ে থাকে। তাই বাছা পথের মাঝে শুয়ে কাঁদে। 😭😭😭 ✍️উজ্জ্বল পন্ডিত। विश्व साहित्य संस्थान , दिनांक :- 01/10/2020 , दिवस :- वृहस्पतिवार उत्पत्ति ! ******** उत्पत्ति आज, श्रेयद होती देख।